साहित्य की पहचान | Sahatya ki Pahchan (Hindi) (Record no. 16909)
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000 -LEADER | |
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fixed length control field | 05057nam a2200169 4500 |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
ISBN | 9788126722518 |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | 809. 933 5 |
Item number | S617I |
100 ## - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME | |
Personal name | सिंह, नामवर | Singh, Namwar |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | साहित्य की पहचान | Sahatya ki Pahchan (Hindi) |
Statement of responsibility, etc | by Namwar Singh |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) | |
Place of publication | New Delhi: |
Name of publisher | Rajkamal Prakashan Pvt. Ltd., |
Year of publication | 2022. |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Number of Pages | xxvii, 235p. |
Other physical details | HB |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc | नामवर सिंह का आलोचक समाज में बातचीत करते हुए, वाद-विवाद-संवाद करते, प्रश्न-प्रतिप्रश्न करते सक्रिय रहता है और विचार, तर्क और संवाद की उस प्रक्रिया से गुज़रता है जो आलोचना की बुनियादी भूमि है। आलोचना लिखित हो या वाचिकदृउसके पीछे बुनियादी प्रक्रिया है पढ़ना, विवेचना, विचारना। तर्क और संवाद। नामवर जी के व्याख्यानों और उनकी वाचिक टिप्पणियों में इसका व्यापक समावेश है। उनकी वाचिक आलोचना मूल्यांकन की ऊपरी सीढ़ी तक पहुँचती है। निकष बनाती है। प्रतिमानों पर बहस करती है। उसमें ‘लिखित’ की तरह की ‘कौंध’ मौजूद होती है। ‘साहित्य की पहचान’ मुख्यतः कविता और कहानी केन्द्रित व्याख्यानों और वाचिक टीपों का संग्रह है। व्याख्यान ज़्यादा हैं, वाचिक टीपें कम। इनमें भी कविता से जुडे़ व्याख्यान संख्या की दृष्टि से अधिक हैं। पहले खंड में कविता केन्द्रित व्याख्यान हैं। ज़्यादातर व्याख्यान आधुनिक कवियों पर केन्द्रित हैं। निराला पर तीन स्वतन्त्र व्याख्यान इस पुस्तक की उपलब्धि कहे जा सकते हैं। तीनों ही निराला की उत्तरवर्ती कविताओं पर केन्द्रित हैं और प्रायः इन पर एक नये कोण से विचार करते हैं। तीनों व्याख्यानों में एक आन्तरिक एकता है सुमित्रानन्दन पन्त और महादेवी पर केन्द्रित व्याख्यानों से भी इनकी एक संगति बैठती है। ‘स्वच्छन्दतावाद और छायावाद’ तथा ‘रोमांटिक बनाम आधुनिक’ शीर्षक व्याख्यान इन पाँच व्याख्यानों की वैचारिक भूमि स्पष्ट करते हैं। हरिवंश राय बच्चन, दिनकर, भारतभूषण अग्रवाल पर केन्द्रित छोटे व्याख्यान यहाँ संकलित हैं। समकालीन कविता के अनेक महत्त्वपूर्ण पक्षों को ‘इधर की कविता’ व्याख्यान में नामवर जी पहचानते और व्याख्यायित करते हैं। दूसरे खंड में उपन्यास और कहानी पर केन्द्रित अनेक व्याख्यान और वाचिक टिप्पणियाँ हैं। हिन्दी में कहानी के विश्लेषण की प्रविधियों का पहला महत्वपूर्ण आविष्कार करने वाली पुस्तक ‘कहानी नयी कहानी’ के लेखक नामवर सिंह की समकालीन कहानी से सम्बन्धित अनेक चिन्ताएँ यहाँ मुखरित हैं।. |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | Hindi Literature |
Topical Term | Literary Identity |
Topical Term | Indian Literature |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Koha item type | Hindi Books |
Withdrawn status | Lost status | Damaged status | Not for loan | Collection code | Permanent Location | Current Location | Shelving location | Date acquired | Source of acquisition | Full call number | Accession Number | Price effective from | Koha item type |
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General Section | S. R. Ranganathan Learning Hub | S. R. Ranganathan Learning Hub | General Section | 2024-11-11 | Rajasthani Granthagar | 809. 933 5 S617I | 13383 | 2024-11-11 | Hindi Books | ||||
General Section | S. R. Ranganathan Learning Hub | S. R. Ranganathan Learning Hub | General Section | 2024-11-11 | Rajasthani Granthagar | 809. 933 5 S617I | 13384 | 2024-11-11 | Hindi Books |