प्राचीन भारत में विज्ञान | Pracheen Bharat Mein Vigyan (Hindi)

ओझा, डी.डी. | Ojha, D.D.

प्राचीन भारत में विज्ञान | Pracheen Bharat Mein Vigyan (Hindi) by D.D. Ojha and Ravindra Kumar - Delhi Satsahitya Prakashan 2022 - 199p. HB

भारत में वैज्ञानिक अध्ययन, चिंतन की अत्यंत प्राचीन एवं समृद्ध परंपरा रही है। हमारे यहाँ विज्ञान के क्षेत्र में भी असाधारण शोध-कार्य हुए हैं। प्राचीन काल से ही हमारे त्रिकालदर्शी भारतीय मनीषियों, यथा-धन्वंतरि, भरद्वाज, सुश्रुत, चरक, शालिहोत्र, आर्यभट, कणाद, ब्रह्मगुप्त, रेवण, आत्रेय, वराहमिहिर, भास्कराचार्य, नागार्जुन, यशोधर, वेदव्यास आदि ने विज्ञान के विविध क्षेत्रों में गहन अनुसंधान किया। वस्तुतः गणित का विकास विश्व में सबसे पहले भारतवर्ष में ही हुआ, जिसका उल्लेख वैदिक गणित में मिलता है। भारत में वेदिक काल से ही रसायन विज्ञान में गवेषणाओं की सुव्यवस्थित और वैज्ञानिक प्रणाली विकसित हो गई थी। आयुर्वेदीय सिद्धांतों को व्यवस्थित रूप देने में सर्वाधिक योगदान महर्षि चरक का रहा है। चिकित्सा के क्षेत्र में महर्षि सुश्रुत, विश्व के पहले शल्य चिकित्सक माने जाते हैं। नौका प्रौद्योगिकी, रक्षा तथा विमान प्रौद्योगिको, पर्यावरण विज्ञान के बारे में भी बृहत्‌ जानकारी प्राचीन भारत के मनीषियों को भलीभाँति थी। इस जनोपयोगी पुस्तक में पुरातन भारत के मनीषियों के विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विविध विषयों यथा--गणित, ज्योतिष, रसायन विज्ञान, कृषि, पशु चिकित्सा, धातु विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, अग्नि एवं मौसम विज्ञान, सैन्य विज्ञान, ऊर्जा, जल विज्ञान आदि के बारे में सरल एवं बोधगम्य भाषा में यथोचित चित्रों सहित जानकारी प्रदान की गई है।

9789392573101


General Science
Indian Subcontinent

509.54 / Oj2P