हिंदी साहित्य का इतिहास | Hindi Sahitya ka Itihas (Hindi)
Shukla, Ramchandra शुक्ल, रामचंद्र
हिंदी साहित्य का इतिहास | Hindi Sahitya ka Itihas (Hindi) by Ramchandra Shukla - New Delhi, India Prabhat Paperbacks 2021 - 599p. PB
हिंदी साहित्य का भंडार पर्याप्त समृद्ध है। गद्य तथा पद्य की लगभग सभी विधाओं का प्रचुर मात्रा में साहित्य-सर्जन हुआ है।★★ अनेक कालजयी कृतियाँ सामने आईं। लेखक-कवियों ने भी सर्जना के उच्च मानदंड स्थापित किए, जिन पर साहित्य-सृजन को कालबद्ध किया गया; वह युग उनके नामों से जाना गया। आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने गहन शोध और चिंतन के बाद हिंदी साहित्य के पूरे इतिहास पर विहंगम दृष्टि डाली है।
इसमें आदिकाल यानी वीरगाथा काल का अपभ्रंश काव्य एवं देशभाषा काव्य के विवरण के बाद भक्तिकाल की ज्ञानमार्गी, प्रेममार्गी, रामभक्ति शाखा, कृष्णभक्ति शाखा तथा इस काल की अन्य रचनाओं को अपने अध्ययन का केंद्र बनाया है। इसके बाद के रीतिकाल के सभी लेखक-कवियों के साहित्य को इसमें समाहित किया है।
9789351867623
Hindi
Hindi Literature
History
891.430 954 / Sh92H
हिंदी साहित्य का इतिहास | Hindi Sahitya ka Itihas (Hindi) by Ramchandra Shukla - New Delhi, India Prabhat Paperbacks 2021 - 599p. PB
हिंदी साहित्य का भंडार पर्याप्त समृद्ध है। गद्य तथा पद्य की लगभग सभी विधाओं का प्रचुर मात्रा में साहित्य-सर्जन हुआ है।★★ अनेक कालजयी कृतियाँ सामने आईं। लेखक-कवियों ने भी सर्जना के उच्च मानदंड स्थापित किए, जिन पर साहित्य-सृजन को कालबद्ध किया गया; वह युग उनके नामों से जाना गया। आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने गहन शोध और चिंतन के बाद हिंदी साहित्य के पूरे इतिहास पर विहंगम दृष्टि डाली है।
इसमें आदिकाल यानी वीरगाथा काल का अपभ्रंश काव्य एवं देशभाषा काव्य के विवरण के बाद भक्तिकाल की ज्ञानमार्गी, प्रेममार्गी, रामभक्ति शाखा, कृष्णभक्ति शाखा तथा इस काल की अन्य रचनाओं को अपने अध्ययन का केंद्र बनाया है। इसके बाद के रीतिकाल के सभी लेखक-कवियों के साहित्य को इसमें समाहित किया है।
9789351867623
Hindi
Hindi Literature
History
891.430 954 / Sh92H